जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत शिक्षा को प्राथमिकता दे रहा है

2019, जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत सातवें स्थान पर था, जिसमें 2267 लोगों की मृत्यु हुई; जलवायु परिवर्तन के कारण अब तक का सबसे बड़ा नुकसान। क्लाइमेट चेंज परफॉरमेंस इंडेक्स 2023 – भारत जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाले 59 देशों की सूची में 8वें स्थान पर। यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज – भारत लोगों को जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए सामग्री और जागरूकता प्रदान कर रहा है। भारत जलवायु परिवर्तन को कम करने के साथ ही नुकसान कम करने के लिए ‘नेशनल वाटर मिशन’, ‘नेशनल मिशन फॉर स्ट्रेटेजिक नॉलेज फॉर क्लाइमेट चेंज’ जैसी कई योजनाएँ शुरू की है।

शिक्षा पर जलवायु का नकारात्मक प्रभाव!

हीट वेव: भारत, मैदानी इलाकों में तापमान 40°C या अधिक होने पर ‘हीट-वेव’ कहते हैं। 2020 में, 18 साल से कम उम्र के लगभग 36% बच्चे ‘हीट-वेव’ से प्रभावित; 2050 तक यह संख्या 100% होने की आशंका।

स्कूल के ढांचे में क्षति: जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएं बढ़ी, बच्चों की शिक्षा और स्कूलों के ढांचे को नुकसान पंहुचा। 2023, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल, हीट वेव, स्कूल एक सप्ताह बंद रहे। 2020, असम, बाढ़, 1973 प्राइमरी स्कूल क्षतिग्रस्त। 2019, ओडिशा, ‘फनी’ सीक्लोने, 5735 स्कूल क्षतिग्रस्त।

विस्थापन और प्रवास: ग्लोबल रिस्क्स रिपोर्ट 2023, प्राकृतिक आपदाएं की घटनाएं भारत के लिए सबसे बड़े पांच खतरों में से एक, लोगों को दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021, भारत 163 देशों में से 26वें स्थान पर है – स्पष्ट है कि बच्चों पर जलवायु के प्रभाव गंभीर हैं। अनुमान, फसल उपज में कमी, सूखा, आदि के कारण – लगभग 1 करोड़ 40 लाख लोगों का पलायन, बच्चो की शिक्षा बाधित हुई। 2021, बाढ़ और चक्रवाती हवाओं, 49 लाख लोग विस्थापित, यह संख्या 2010 से 2020 के बीच 1.7 गुना बढ़ी।

ड्रॉप-आउट: स्कूल एडमिशन-रेट में सुधार – 2022 में 98.4%; ड्रॉप-आउट रेट चिंताजनक – क्लास 6 से 8 में 3 प्रतिशत और क्लास 9 से 10 में 12.6% है। आपदा वाले राज्यों जैसे ओडिशा (27.3%), बिहार (20.5%), असम (20.3%), पश्चिम-बंगाल (18%), और गुजरात (17.9%) में ड्रॉप-आउट रेट चिंताजनक।

स्वास्थ्य हानि: बढ़ते तापमान, अत्यधिक वर्षा और सूखे की वजह से मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियाँ। 2021, मलेरिया के 441,610 मामले, ज्यादातर बच्चे प्रभावित, स्वास्थ्य और शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव हुआ।

सिलेबस में जलवायु परिवर्तन से संबंधित टॉपिक्स!

जलवायु परिवर्तन से संबंधित टॉपिक्स स्कूल सिलेबस में पहले से ही शामिल, लेकिन वे अपर्याप्त और बिखरे हुए, और टॉपिक्स जोड़ने की आवश्यकता। प्राइपरेटरी स्कूल (क्लास 3 से 5) में जलवायु परिवर्तन से संबंधित कुछ टॉपिक्स शामिल है। मिडिल स्कूल (क्लास 6 से 8) में जियोग्राफी और साइंस में, और सेकेंडरी स्कूल (क्लास 9 से 12) में इंग्लिश, जियोग्राफी और साइंस में। 2023 में, यूजीसी ने अंडर-ग्रेजुएट में पर्यावरण शिक्षा को अनिवार्य किया। कई संस्थान में जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित पोस्ट-ग्रेजुएट उपलब्ध – आईआईटी हैदराबाद, इग्नू, गुजरात यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज, दी एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट, आदि। जलवायु परिवर्तन पर डॉक्टरेट-डिग्री के लिए कई विकल्प उपलब्ध – आईआईटी, आईआईएम, आईआईएससी, टीईआरआई, आईआईएफएम, और अन्य संस्थानों द्वारा। 

सरकार की पहल: एक्शन फॉर क्लाइमेट एम्पावरमेंट के 6 भागों पर!

एजुकेशन: एनईपी 2020 – क्लाइमेट-चेंज नेशनल करिकुलम में शामिल हुआ; और यूजीसी – सभी अंडर-ग्रेजुएट को अनिवार्य रूप से 4-क्रेडिट का पर्यावरण पर आधारित शिक्षा।

ट्रेनिंग: ‘सेंट्रल सेक्टर स्कीम’ (एनईपी 2020 आधारित) बच्चों और युवाओं को जलवायु परिवर्तन की ट्रेनिंग प्रदान करती है। ‘ग्रीन स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम’ (25 कोर्स उपलब्ध) और ‘स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स’ (44 कोर्स उपलब्ध) द्वारा युवाओं को जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में स्किल प्रदान करके इस क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने में मदद करता है। शिक्षकों को जलवायु परिवर्तन पर ‘स्वयम’, ‘दीक्षा’, और ‘निष्ठ’ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।

पब्लिक अवेयरनेस: मिशन ‘लाइफ’ के तहत, लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे वे कम पानी का इस्तेमाल करें, कम ऊर्जा का इस्तेमाल करें, कम कचरा पैदा करें, और अधिक वृक्ष लगाएं।

जलवायु परिवर्तन से संबंधित जानकारी का लोगो तक पहुंच: रिपोर्ट्स के माध्यम से, जैसे ‘भारत की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट’, ‘भारत की वन स्थिति रिपोर्ट’, आदि। मोबाइल ऐप्प के माध्यम से, जैसा मौसम विभाग का ऐप्प – मौसम की चेतावनियां जारी करता है; मेघदूत ऐप – कृषि से संबंधित मौसम की सलाह देती है; और दामिनी ऐप – बिजली गिरने की चेतावनी देती है। 

जलवायु के कार्रवाई में लोगो की सार्वजनिक भागीदारी: राष्ट्रीय अभियान और जन भागीदारी कार्यक्रम द्वारा जैसे, स्वच्छ भारत मिशन, क्लीन गंगा, बीट प्लास्टिक पोल्लुशन, अर्थ ऑवर, जल शक्ति फॉर वाटर कंज़र्वेशन, वन स्टूडेंट वन ट्री – देश भर के छात्रों ने 2019 से 2020 के बीच 35 लाख पौधे लगाए।

जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत ने 2023 में नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में आठ अन्य देशों के साथ मिलकर ‘ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस’ की शुरुआत की।

जलवायु परिवर्तन शिक्षा के लिए चुनौतियाँ!

  • जलवायु परिवर्तन शिक्षा को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जा सका है; पर्यावरण शिक्षा के अंश के रूप में देखा जाता है।
  • नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज में जलवायु परिवर्तन शिक्षा को अधिक प्राथमिकता नहीं दी गई है।
  • भारत के 2023-24 के बजट में जलवायु कार्रवाई को ध्यान दिया गया, लेकिन बजट में जलवायु परिवर्तन शिक्षा के लिए कोई राशि निर्दिष्ट नहीं की गई। बजट में पर्यावरण शिक्षा, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए बजट में कमी देखी गई। यह आवंटन 2021-22 में 77.13 करोड़ से घटकर 2022-23 में 58 करोड़ हो गया।
  • जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी ‘वैज्ञानिक’ शब्दों में है, शिक्षक और छात्र को समझने में परेशानी होती है।
  • शिक्षकों को सिखाया जाना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के व्यक्तिगत व्यवहार से क्या संबंध है।
  • जलवायु परिवर्तन शिक्षा के लिए स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
  • शिक्षकों के पास जलवायु परिवर्तन के बारे में पढ़ाने के लिए समय और संसाधन नहीं हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के सटीक और नई जानकारी जानकारी सभी भाषाओं में नहीं है।
  • जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव इसके बारे में पढ़ाने से रोक सकते हैं।

सोर्स: यूनेस्को की ‘स्टेट ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया 2023’


Discover an Ocean of Educational Resources! We provide a wide variety of learning materials that you can access through our internal links.

  • Nuutan.com is your gateway to a world of information and academic accomplishment. Books in e-book form, multiple-choice question-based online practice tests, practice sets, lecture notes, and essays on a wide range of topics, plus much more! 

https://www.nuutan.com/

  • Nuutan.com is your one-stop-shop for all kinds of academic e-books, and it will greatly facilitate your educational path. 

https://www.nuutan.com/product-category/k12-cuet-iit-jee-neet-gate-university-subjects

  • Online multiple-choice tests are available for a variety of subjects on Nuutan.com.

https://www.nuutan.com/product-category/multiple-choice-question

  • The Practice Sets on Nuutan.com will improve your performance in any situation.

https://www.nuutan.com/product-category/k12-cuet-iit-jee-neet-gate-cs-btech-mca

  • The in-depth lecture notes available on Nuutan.com will significantly improve your academic performance.

https://www.nuutan.com/product-category/k12-cuet-iit-jee-neet-gate-bca-mca-btech-mtech

  • Show off your writing chops and gain an edge in educational settings and in the workplace with Profound Essays from Nuutan.com. 

https://www.nuutan.com/product-category/k12-competitive-exams-essays

  • Nuutan.com is a treasure trove of knowledge thanks to its free academic articles covering a wide variety of subjects. Start your academic engine! 

https://www.nuutan.com/nuutans-diary

  • Discover our roots and learn how Nuutan.com came to be. Read up about us on the ABOUT US page of our website! 

https://www.nuutan.com/about-us

  • Embrace a Future of Knowledge and Empowerment! is the vision of the future that Nuutan.com has unveiled.

https://www.nuutan.com/vision

  • Become an author by publishing your work on the Nuutan.com platform.

https://www.nuutan.com/create-a-publication-with-us

The External Link Related to This Academic Product:

  • DAINIK BHASKAR Daily Hindi Newspaper.

http://192.168.208.21/mpcg/index.php?mod=1&pgnum=12&edcode=194&pagedate=2023-12-5

As a result of your constant backing and encouragement, Nuutan.com is extremely appreciative and thankful.

These are the various sharing options available for this page.